श्रीकृष्ण के साथ कोरोना पर मात| Shree Krishna Ke Saath Corona par Maat | The Spiritual Indians
श्रीकृष्ण के साथ कोरोना पर मात
महाभारत के युद्ध में एक तरफ बहोत बडे-बडे योध्दा थे।
जो की अधर्म के साथ थे और धर्म सिर्फ श्रीकृष्ण और पांडव थे। धर्म की जीत हो इसलिए भगवान श्रीकृष्ण को
युद्ध में धोखा करना पड़ा।
युद्ध में अपने पिता द्रोणाचार्य के धोखे से मारे जाने पर अश्वत्थामा बहुत क्रोधित हो गये।
उन्होंने पांडव सेना पर एक बहुत ही भयानक अस्त्र "नारायण अस्त्र" छोड़ दिया।
इसका कोई भी प्रतिकार नहीं कर सकता था।यह जिन लोगों के हाथ में हथियार हो और लड़ने के लिए कोशिश करता दिखे उस पर अग्नि बरसाता था और तुरंत नष्ट कर देता था।
भगवान श्रीकृष्ण जी ने सेना को अपने अपने अस्त्र शस्त्र छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर खड़े रहने का आदेश दिया। और कहा मन में युद्ध करने का विचार भी न लाएं, यह उन्हें भी पहचान कर नष्ट कर देता है।
नारायण अस्त्र धीरे धीरे अपना समय समाप्त होने पर शांत हो गया।
इस तरह पांडव सेना की रक्षा हो गयी।
इस कथा प्रसंग का औचित्य समझें?
हर जगह लड़ाई सफल नहीं होती।प्रकृति के प्रकोप से बचने के लिए हमें भी कुछ समय के लिए सारे काम छोड़ कर, चुपचाप हाथ जोड़कर, मन में सुविचार रख कर एक जगह ठहर जाना चाहिए। तभी हम इसके कहर से बचे रह पाएंगे।
कोरोना भी अपनी समयावधि पूरी करके शांत हो जाएगा।
इसलिए हमें कोरोना से बचने के लिए घर में रह कर मनः
शांति के लिए भगवान का नामस्मरण करना चाहिए। या
फिर जिसे हमे शांति मिले और दुनिया का भी कल्याण हो।
ऐसा करना चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण जी का बताया हुआ उपाय है, यह व्यर्थ नहीं जाएगा ।
🙏
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