स्वामी चरित्र अवतणिका. Swami Charitra Avatarnika .The Spiritual Indians
स्वामी चरित्र अवतणिका श्री गणेशाय नमः| श्री सरस्वत्यै नमः| श्री गुरूभ्यो नमः| श्री कुलदेवताय नमः| श्री अक्कलकोट निवासी-पूर्णदत्तावतार- दिगंबर यतिवर्य स्वामिराजाय नमः| ब्रह्मनंदं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्ती। द्वंद्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम्। एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधी साक्षिभूतं। भावातीतं त्रिगुणरहितं सद्गुरूं तं नमामि।। प्रथमाध्यायी मंगलाचरण। कार्यसिध्द्यर्थ देवतास्तवन। आधार स्वामी चित्रास कोण। हेची कथन केले ए।। १।। श्रीगुरु कर्दळी वनातुनी आले। स्वामी रुपे प्रगटले। भूवरी प्रख्यात झाले। हे कथन द्वितीयाध्यायी।। २।। तारावया भक्तजनाला। अक्कलकोट प्रवेश केला। तेथीचा महिमा वर्णिला। । तृतीयाध्यायी निश्चये।। ३।। स्वामींचा करावया छळ। आले दोन संन्यासी खल। तेचि वृत्त सकल। चवथ्यामाजी वर्णिले।। ४।। मल्हारराव राजा बडोद्यासी। त्याने न्यावया स्वामींसी। पाठविले कारभार्यांसी। पाचव...
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